फीडबैक में लोग बोले- आप जो 8 सवाल पूछ रहे, उनके अलावा भी अच्छे काम हुए हमारे यहां, मार्च में होगी सबसे स्वच्छ शहर की घोषणा

इंदौर . एक महीने से चल रहा स्वच्छता सर्वेक्षण 26 जनवरी को पूरा हो गया। दिसंबर में वाटर प्लस और ओडीएफ की टीम आने से सर्वे की शुरुआत हुई थी। 9 जनवरी से सेवन स्टार की टीम और 21 जनवरी से मुख्य सर्वेक्षण की टीम इंदौर में रही। दोनों टीमें 26 जनवरी को अधिकारियों से क्लोजिंग मीटिंग कर लौट गईं। चर्चा में खुलासा हुआ कि सर्वे में 6 हजार से ज्यादा लोगों से वन टू वन फीडबैक लिया गया है और लगभग सभी ने शहर की तारीफ की। कुछ लोगों ने टीम को ही सुझाव दिए कि इंदौर में सर्वेक्षण के 8 सवालों के अलावा भी काम हो रहे हैं, उन्हें भी जोड़ा जाना चाहिए। फरवरी में अब री-वेरिफिकेशन के लिए गोपनीय टीम आएगी। देश के सबसे स्वच्छ शहर की घोषणा मार्च में होगी।


 
वाटर प्लस के सर्वे में भी इंदौर को पूरे 500 अंक मिलने का दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। सबसे अहम सर्वेक्षण सेवन स्टार, तीसरे क्वार्टर और मुख्य सर्वेक्षण की टीम का था। सेवन स्टार के 1000 नंबर, तीसरे क्वार्टर के 1000 नंबर और मुख्य सर्वेक्षण के 3000 अंक हैं। सेवन स्टार की टीम ने शहर के 85 वार्ड में जाकर सर्वे किया और हर वार्ड से 50 से ज्यादा लोगों से 8 सवाल पूछे। मुख्य सर्वेक्षण टीम ने 40 से 50 वार्ड कवर किए और एक-एक बिंदु का परीक्षण करने के बाद लाइव रिपोर्ट भेजी। 1000 से ज्यादा लोगों से फीडबैक लिए। 


यूरिनल के लिए अब टीम का आना जरूरी नहीं
एक बिंदु यूरिनल के सर्वे का भी था। इसमें नियम था कि यूरिनल की संख्या के 10 प्रतिशत को टीम द्वारा चेक किया जाएगा। इसके लिए अलग से टीम भेजे जाने की बात हुई। केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी वीके जिंदल ने इंदौर की व्यवस्था देखने के बाद इसके लिए भी एक टीम भेजने की बात कही। बाद में खुलासा हुआ कि वाटर प्लस के सर्वे में टीम ने पब्लिक टॉयलेट को चेक किया था। इसमें भी यूरिनल लगे हैं। इसके लिए अलग से टीम भेजे जाने की जरूरत नहीं रही। सर्वे टीम ने अधिकारियों से अपने अनुभव भी शेयर किए। उन्होंने बताया इंदौर के लोग शहर की बिलकुल बुराई नहीं करते। उल्टा उन्होंने हमसे कहा निगम कुछ ऐसे काम भी कर रहा है जो आपके सवालों में नहीं है। जैसे यहां निगम सूखा कचरा भी खरीदता है। कई लोग कंपोस्टिंग करते हैं।